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हमारी बंदिशें कम नहीं हुई,
फिर भी हम विश्वास करते हैं,
यह दौर बदलेगा एक दिन,
ऐसा आत्मविश्वास रखते है ।
आंधियाँ आती है गुजर जाने के लिये,
अपने तबाही का निशान छोड़ जाती हैं,
जिन्दगी फिर से उठ खड़ी हो जाती है,
उजड़े आशियाने को बसाती है ।
सिर झुकाने से मुसीबतें कम नही होती,
मुकाबला करने से हालात सुधरेंगे,
हार कर बैठ जाने वाले की जिन्दगी में,
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