बंधन रिश्तों का's image
Kavishala DailyPoetry1 min read

बंधन रिश्तों का

Sahdeo SinghSahdeo Singh November 16, 2022
Share0 Bookmarks 47862 Reads0 Likes

बंधन जो तोड़ दिया खून के रिश्तों का

खून के रिश्तों को ठुकरा दिया जिसने

अंजाम कभी सुखदाई कभी हो नहीं सकता

भरोसा किया गैरों पर वो कदम हुआ रुसवाई

आज युवा पीढ़ी जो प्यार के नाम पर

मर्यादाओं को भूल गया,

मां बाप के त्याग को अपमान का शूल दिया

No posts

Comments

No posts

No posts

No posts

No posts