
Share0 Bookmarks 80 Reads0 Likes
बंधन जो तोड़ दिया खून के रिश्तों का
खून के रिश्तों को ठुकरा दिया जिसने
अंजाम कभी सुखदाई कभी हो नहीं सकता
भरोसा किया गैरों पर वो कदम हुआ रुसवाई
आज युवा पीढ़ी जो प्यार के नाम पर
मर्यादाओं को भूल गया,
मां बाप के त्याग को अपमान का शूल दिया
No posts
No posts
No posts
No posts
Comments