बहुरंगी दुनिया's image
Kavishala DailyPoetry1 min read

बहुरंगी दुनिया

Sahdeo SinghSahdeo Singh November 11, 2021
Share0 Bookmarks 215651 Reads0 Likes

यह दुनिया बहुत बहुरंगी है,

स्वार्थ के सब संगी हैं,

मतलब पर कोई ना पहचाने

सब के रंग अतरंगी हैं ।

मतलब के सब साथी हैं

दोस्त हो या सहपाठी हैं,

वक्त के साथ बदल जाते हैं

अपना बल ही संगी है ।।

खुद पर ही विश्वास करो,

अपने हुनर की आ

No posts

Comments

No posts

No posts

No posts

No posts