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यह दुनिया बहुत बहुरंगी है,
स्वार्थ के सब संगी हैं,
मतलब पर कोई ना पहचाने
सब के रंग अतरंगी हैं ।
मतलब के सब साथी हैं
दोस्त हो या सहपाठी हैं,
वक्त के साथ बदल जाते हैं
अपना बल ही संगी है ।।
खुद पर ही विश्वास करो,
अपने हुनर की आ
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