बदलने को बेताब's image
Kavishala DailyPoetry1 min read

बदलने को बेताब

Sahdeo SinghSahdeo Singh May 17, 2023
Share0 Bookmarks 39 Reads0 Likes

बदलने को बेताब है शमां

बदल रहा है आसमां का मिजाज धीरे धीरे

गुफ्तगू भी है बेचैनी भी है,

खिसक रहा है आसमां का ताज धीरे धीरे,

बेतकल्लुफ ना हो ऐ आसमा

एक दिन तूं भी सिर झुकाएगा

तेरे अनगिनत तारे जो चमक बिखेरते थे

एक दिन टूटकर साथ छोड़ जायेंगे ।।


No posts

Comments

No posts

No posts

No posts

No posts