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मन के हारे हार है,
मन के जीते जीत “
इन्सान के हार और जीत,
सफलता असफलता का,
सम्बंध मानसिक शक्ति,
आत्मविश्वास से जुडी है,
जब हमारा आत्मबल क्षीण
हो गया तो इन्सान कोई
भी मुश्किल से मुकाबला
नहीं कर पाता है ।
आत्मसमर्पण कर देता है
बस एक असफलता
उसके जीवन धारा को
मोड देती है ।
वह एक हारा हुआ उपेक्षित
इन्सान बन जाता है ।
अपने आत्मविश्वास और
मानसिक दृढता बनाकर
रखना ही जीवन का सार है ।
जीवन
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