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मैने देखा है लोगों को बदलते हुए
अपने ही रिश्तों से दूर होते हुए,
जरा सा धन शोहरत मिलते ही,
अपने जन्मदाता से दूर होते हुए,
हम कैसे समाज और सोच में जी रहे
जहां
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मैने देखा है लोगों को बदलते हुए
अपने ही रिश्तों से दूर होते हुए,
जरा सा धन शोहरत मिलते ही,
अपने जन्मदाता से दूर होते हुए,
हम कैसे समाज और सोच में जी रहे
जहां
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