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अपने ही घर में अजनबी बन बैठे हैं
वो कह रहे हैं, तुम हमारे नहीं जैसे हो
तुम्हारा लिबास तुम्हारा मजहब है जुदा
तुम अजान लगाते हो सजदा तेरा है खुदा
हम मंदिर में पूजा करते हमारे राम हैं
श्री राम,
हां एक देश एक राष्ट्र राष्ट्र भक्ति पर संदेह
तुम मां भारती का सदा करते हो विरोध
हमसे मिल गए तो तुम भी हो हमारे
इस वतन के अवाम हो, मां भारती के प्यारे
छोड़ो नफरत मजहब विवाद
एक दूजे के गले मिल जाएं
मिलकर मनाएं होली ईद
अमन चैन की खुशबू फैलाएं ।।
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