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कभी जो अपने आस पास थे
आज अजनबी बन गए
कमाल है वक्त की नजाकत का
आज सब एक एक कर दूर हो गए ।
आंखे फेर लेते हैं जो साथ साथ चलते थे
थोड़ी मुश्किल क्या आई
आज अजनबी बन बैठे हैं ,
रश्क क्यों करें जमाने के दस्तूर पर,
सारे रिश्ते नाते जब वक्त की नजाकत पर ।।
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