आंधी's image
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कोई हमदम ना रहा

कोई सहारा ना रहा,

जिन्दगी तेरे बज्म में

अपना गुजारा ना रहा

कोई हमदम ना——-

एक आंधी जो आयी,

बन गयी मेरी तन्हाई,

इस तन्हाई में कोई

किनारा ना रहा

कोई हमदम ना रहा—–

मैंने क्या जुर्म किया जो

सजा मुझको दिया,

मेरे जीने के मकसद को

ऐसा अंजाम दिया

अब तो अपना कोई

अपना ना रहा

कोई हमदम ना रहा

को

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