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बहुत करीब से गुजरा अजनबी समझकर
कभी दूर से जो पहचान लिया करता था,
वक्त बदलते ही लोग बदल जाते हैं
जो कभी आगे पीछे घुमा करते थे,
ये कैसा रिश्तों का आधार है
जो जब जरूरत होती है अपने रिश्तों की
हाथ छुड़ाकर अजनबी बन जाते हैं ।।
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