आग कब बुझेगी's image
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एक आग लगी है

जल रही है शहर बस्ती बस्ती

कोई बुझाने वाला भी नहीं

सुलग रही जीवन की हस्ती,

कलम क्या करे चंद शब्दो को कागज

पर उतारने से क्या होगा,

जब पढ़ने वाले से अधिक बताने वाले हैं

आग बुझाने वाला ही जला रहा बस्ती

तो मिट जायेगी हस्ती,

जिनके हाथों में अमन की मशाल दिया

वो मशाल जला रही रिश्तों के हर धागे को

सुलग रही नफरत की मशाल

कोई गांधी भी नहीं बचा पाएगा ।।

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