
*नाम- परमानंद निषाद*
*राज्य- छत्तीसगढ़*
*विषय- अनुशासन*
सुबह की नई किरण से,
आलस का त्याग करना है।
चहक रही है सारे पक्षी,
स्वस्थ रहो तन,मन से।
बड़ो के समक्ष सिर झुकाओ,
सदा पाओ उनका आर्शीवाद।
पहनकर अपना स्कूली कपड़ा,
शिक्षक से आर्शीवाद लेना है।
तन-मन से पढ़ना हमे है,
माता-पिता का नाम रोशन करना है।
सदा रहो तुम अनुशासन मे,
विश्वास रखो अपने रब पर।
अपने जीवन मे अच्छे कार्य करो,
माता-पिता करे सदा तुमपे गर्व।
गरीबों की तुम सदा सेवा करो,
तुम जीवन मे सदा बढ़ते जाओ।
भारत हमारा सुंदर प्यारा है,
सदा रहे ऊंचा झंडा हमारा।
भारत देश के शान तिरंगा,
हम उन्हें सलाम करते है।
अनुशासन मे रहकर तुम,
भारत का नाम रोशन करो।
तिरंगा झंडा के समक्ष,
राष्ट्रगान हम गाते है।
तिरंगा झंडे पर हमे नाज है,
हम सब भारत वासियों को,
शहीद जवान को शान से,
तिरंगे का कफन देते है।
ऐसा है हमारा देश कहते,
मेरा भारत देश महान।।
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