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कोई और मिल गयी है मुझे...

Raaj KRaaj K October 22, 2021
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कोई और मिल गयी है मुझे दिल लगाने के लिए,

तेरा जाना भी ज़रूरी था उसके आने के लिए. 


अब तो घर सजाने को नया सामान है काफी,

जगह बाकि नहीं है कुछ भी पुराने के लिए. 


सफर बाकि है खुद को यूँ समझा लिया मैंने,

ठहरा था कहीं रात बिताने के लिए. 


मुनासिब है कि संभलने का हुनर सीख

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