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मेरी मनमानियों पर हँस के पिघल जाने वाले ,
मुड़कर ना जाना इधर आने वाले।
देना दस्तकें तमाम दिल पर मेरे,
ना होना तुम रुसवा इधर आने वाले।
तुम कहना मुझे जो पसंद हो तुम्हें,
चुप रहना नहीं इधर आने वाले।
करते आते हैं आडंबर आने वाले कई,
तुम सादगी लाना इधर आने वाले।
मेरी मनमानियों पर हँस के पिघल जाने वाले,
ना लौटना कभी इधर आने वाले।
-रुपाली यादव
मुड़कर ना जाना इधर आने वाले।
देना दस्तकें तमाम दिल पर मेरे,
ना होना तुम रुसवा इधर आने वाले।
तुम कहना मुझे जो पसंद हो तुम्हें,
चुप रहना नहीं इधर आने वाले।
करते आते हैं आडंबर आने वाले कई,
तुम सादगी लाना इधर आने वाले।
मेरी मनमानियों पर हँस के पिघल जाने वाले,
ना लौटना कभी इधर आने वाले।
-रुपाली यादव
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