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 ये सिफात हालात खराब आँखे बताते है किस्सा मेरी जिंदगी का
आँखो से आँशु बेचकर, मरे शरीर से प्राण भीचकर। 
कमाया जाता है जो कुछ भी, नही गुजारा उसमे चार जिंदगी का, 
 ये सिफात हालात बताते है किस्सा मेरी जिंदगी का।। 

बाह पकड़ लेते है ,उसके बच्चे हमे ये दो हमे वो दो , 
बेबस होकर बताता है, किस्सा उन्हे गरीबी का। 
हाथो से निवाले यहां कौआ ले जाते है , 
जो पास आते थे कभी वो एकदम दूर चले जाते है , 
तुम्हे इल्म नही इन सफेदपोशो का , 
 ये सिफात हालात बताते है किस्सा मेरी जिंदगी का।। 

आँखे नम हो जाती रुद्र गरीबी की हदी को देखकर, 
ये महलो मे रहने वाले क्या जाने किस्सा गरीबी का। । 
इन्हे पता है बस कहा बर्गर कहां पिज़्ज़ा, 
इन्हे कोन बताये सडक किनारो का किस्सा, 
कितने लचार दम तोड़ देते सर्दियो मे , 
आसरा रहता बस उन्हे एक कम्बल का । 
 ये सिफात हालात  बताते है किस्सा मेरी जिंदगी का।। 
रुद्र*

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