तसव्वुर's image
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इन आँखों के आगे 
इस समझ के पार
एक शहर है 
जहाँ बसते है ख़्वाब
हर घर, हर कूचे में 
कई हसीं , कई रंगीन ख़्वाब
उनमें से कोई एक ख़्वाब चुनो
उसके घर में रहो कुछ दिन
मेरी ज़िंदगी को जियो कुछ दिन
 देखो उस घर के आंगन को 
उस घर की सीढ़ियों को
उस घर के कमरों को
देखो उस घर की सजावट में कई यादें छुपी है
उन यादों को तुम्हे पहचान ना है
पर अगर सजावट में घर की कुछ कमी हो
ग़र दीवारों पर टंगी यादों पर कुछ धूल जमी हो
तो कोशिश करना सजावट ठीक करने की
ना की घर को ही बदल देना तुम
क्योंकि ख्वाबो की जमीं को बदल देना
तुम्हारे लिए शायद आसान होगा
पर मेरे लिए
इसमे एक उम्र निकल जायेगी



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