ज़िंदगी के उसूल's image
Poetry1 min read

ज़िंदगी के उसूल

Roopali TrehanRoopali Trehan October 23, 2021
Share0 Bookmarks 141 Reads0 Likes

मैंने भी बदल डाले अब

ज़िंदगी के सारे उसूल

आलोचना करने वालों

से रहती हूं कोसों दूर


लोगों को पहचानने में

अब करती नहीं हूं भूल

बेमतलब के रिश्तों से

अब रहती हूं कोसों दूर


छोड़ कर आगे बढ़ने में

अब करती नहीं विलंब

देती हूं हरदम साथ उनका

जो रहते हर हाल में संग


मैंने भी बदल डाले अब

ज़िंदगी के सारे उसूल

दिल के खिलाफ़ चलने के

अब ख़ुद को करती नहीं मज़बूर

✍️✍️

No posts

Comments

No posts

No posts

No posts

No posts