
Share0 Bookmarks 141 Reads0 Likes
मैंने भी बदल डाले अब
ज़िंदगी के सारे उसूल
आलोचना करने वालों
से रहती हूं कोसों दूर
लोगों को पहचानने में
अब करती नहीं हूं भूल
बेमतलब के रिश्तों से
अब रहती हूं कोसों दूर
छोड़ कर आगे बढ़ने में
अब करती नहीं विलंब
देती हूं हरदम साथ उनका
जो रहते हर हाल में संग
मैंने भी बदल डाले अब
ज़िंदगी के सारे उसूल
दिल के खिलाफ़ चलने के
अब ख़ुद को करती नहीं मज़बूर
✍️✍️
No posts
No posts
No posts
No posts
Comments