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ज़िंदगी के फ़लसफ़े
बड़े ही अजीब हैं
दूर है जो जितना वो
उतना ही दिल के करीब है
पल भर में बदल जाते
यहाँ सबके नसीब है
सच से ज़्यादा यहाँ
झूठ बोलने की तरक़ीब हैं
जो हैसियत में जितना ऊँचा
वो उतना ही दिल से गरीब है
हज़ारों की भीड़ में भी
अकेला फिरता बदनसीब है
ज़िंदगी के फ़लसफ़े
बड़े ही अजीब हैं
पढ़े लिखों की दुनिया में
शर्मसार फिरती तहज़ीब है
✍️✍️
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