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ज़िंदगी इसी का नाम है

Roopali TrehanRoopali Trehan June 16, 2022
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उलझने तमाम है

ज़िंदगी इसी का नाम है


कहीं भागमभाग तो

कहीं विराम है

गिरते नहीं इकपल को भी 

बेचैनियों के दाम हैं


दर्द को देख 

मुस्कुराहटें भी हैरान हैं

न जाने कैसा ये

ज़िंदगी का फ़रमान है


दूर हैं मंजिलें और 

रास्ता रोके व्यवधान हैं

न जाने ज़िंदगी को

किस बात का गुमान है

✍️✍️

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