
Share0 Bookmarks 7 Reads1 Likes
ज़रा सा बढ़िए आप
थोड़ा सा हम भी खिसक जायेंगें
परस्पर यूं ही बढ़ने से
रिश्ते टिक पाएंगें
ज़रा सा रुकिए आप
थोड़ा सा हम भी ठहर जायेंगें
परस्पर यूं ही ठहरने से
रिश्ते निभ पाएंगें
ज़रा सा बोलिए आप
थोड़ा सा हम भी फरमाएंगे
परस्पर यूं ही वार्ता से
रिश्ते समझ आएंगे
ज़रा सा सुनिए आप
थोड़ा सा हम भी समझ पाएंगें
परस्पर यूं ही समझने से
रिश्ते दूर तलक जायेंगें
✍️✍️
No posts
No posts
No posts
No posts
Comments