Share0 Bookmarks 44714 Reads0 Likes
सच बोलने पर दूरियाँ
और झूठ बोलने पर
नज़दीकियाँ टिकती हैं
ये वो दौर है साहब जहाँ
पड़ जाए जो ज़रूरत कभी
तो मदद के नाम पर
सिर्फ़ मजबूरियाँ मिलती हैं
सरल होने पर फटकारें और
तेज़ होने पर तारीफें मिलती हैं
ये व
No posts
No posts
No posts
No posts
Comments