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ट्रिंग ट्रिंग

Roopali TrehanRoopali Trehan January 31, 2023
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डब्बा जो हुआ बातूनी

मेल जोल बढ़ गया

दूरियों में रहकर

नज़दीकियों का रूप निखर गया


मीलों दूर बैठ कर

दिलों के तार जुड़ते गए

फासलों के किलोमीटर

करीबियों के मिलीमीटर हुए


गुफ्तगू के सिलसिले

हर दिन बढ़ते गए

बिगड़े थे जो रिश्ते

दिन प्रतिदिन संभलते गए


बातूनी वो डिब्बा

कब मोबाइल में बदल गया

तारों से जुड़ा ज़माना

सिम में बदल गया

✍️✍️

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