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अँधेरों से पार लगाती हैं
समस्त चिंताओं से
मुक्ति दिलवाती हैं
कठिन राहों को मुक़म्मल
मंज़िल तक पहुंचाती हैं
मन के सारे भ्रमों से
रिहाई दिलवाती हैं
मुसी
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अँधेरों से पार लगाती हैं
समस्त चिंताओं से
मुक्ति दिलवाती हैं
कठिन राहों को मुक़म्मल
मंज़िल तक पहुंचाती हैं
मन के सारे भ्रमों से
रिहाई दिलवाती हैं
मुसी
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