Share0 Bookmarks 43258 Reads1 Likes
आँखों की सरहद में
सपनों का घराना है
जी लो खुलके ख्वाबों को
कल का कोई न ठिकाना है
मुश्किलों से डर डर के
इच्छाओं को न गवाना है
कर लो
No posts
No posts
No posts
No posts
आँखों की सरहद में
सपनों का घराना है
जी लो खुलके ख्वाबों को
कल का कोई न ठिकाना है
मुश्किलों से डर डर के
इच्छाओं को न गवाना है
कर लो
No posts
No posts
No posts
No posts
Comments