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उलझते नहीं किसी से
लफ़्ज़ों को ज़ाया नहीं करते
खामोशियों में पलते रिश्ते
बेवजह आवाज़ नहीं करते
बिगड़ते नहीं किसी पर
किसी से ऐतराज नहीं करते
समझौतों में पलते रिश्ते
दिल का लिहाज़ नहीं करते
जताते नहीं किसी को
किसी से सवाल नहीं करते
बेमन बेबुझे से रिश्ते
जवाबों का आगाज़ नहीं करते
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