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फ़िर वही शाम

फिर तेरी यादें 

फिर हुई आँखें नम

फिर हुआ तेरे आस

पास होने का भ्रम


फिर पुकारा तुझको

फिर छेड़ा तेरा ज़िक्र

फिर तुझको

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