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बेहिचक और बेखौफ़
उड़ा करते हैं
परिंदे भी भला कब
किसी की सुना करते हैं
बेडर और बेफ़िक्र
सफ़र करते हैं
वो भला कब
आँधियों से डरते हैं
पक्के और बेबाक
इरादे रखते हैं
वो भला कब क़ैद होने के
डर से ख़ुद में सिमटते हैं
✍️✍️
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