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मंज़िलों पर
पहुंचने की खातिर
पाँव उन राहों
पर बढ़ाने होंगें
महज़ चिरागों
को रौशन करने से
नहीं होगा उजाला
दिए अपने दिलों में
भी जलाने होंगे
लफ़्ज़ों को <
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मंज़िलों पर
पहुंचने की खातिर
पाँव उन राहों
पर बढ़ाने होंगें
महज़ चिरागों
को रौशन करने से
नहीं होगा उजाला
दिए अपने दिलों में
भी जलाने होंगे
लफ़्ज़ों को <
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