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मंज़िलों पर
पहुंचने की खातिर
पाँव उन राहों
पर बढ़ाने होंगें
महज़ चिरागों
को रौशन करने से
नहीं होगा उजाला
दिए अपने दिलों में
भी जलाने होंगे
लफ़्ज़ों को
लबों में दबाने से
नहीं होगा जज़्बातों
का बोझ हल्का
एहसास शिद्दत
के जगाने होंगें
खामोशियां
नहीं है इलाज़
दर्द ए दिल की
अल्फाज़ भावों
के सजाने होंगें
✍️✍️
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