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वो पहाड़ों की वादियाँ
वो टेढ़े मेढ़े रास्ते
वो वृक्षों के काफिले
खुले आसमान तले
वो ठंडी हवाएं
वो मेघ के साए
वो झीलों की सुंदरता
आँखों में समाए
वो नदियों की कलकल
वो दिल का सुकून
वो दिलकश हरियाली
भर देती है जुनून
वो शांत माहौल
न शोर न अनबन
वो गुनगुनी सी धूप
दिलों का संगम
पहाड़ों का है कुछ
ऐसा ही वर्णन
भूले न भुलाता है
प्रकृति का दर्पण
✍️✍️
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