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मुझे नहीं आता
भारी भरकम शब्दों में
सरल भावों को उकेरना
दिमाग़ वालों के बाज़ार में
दिल वाली बातें उड़ेलना
मुझे नहीं आता
दिखावों की गर्द में
सादगी को ढकेलना
नकाबों के दौर में
यथार्थ की अवहेलना
मुझे नहीं आता
चतुराई के साए में
सरलता को ढालना
निश्छल हृदय में
धूर्तता को संभालना
✍️✍️
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