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न रिश्ता खून का
न कोई बाहरी संबंध
फिर भी जुड़ जाता है
कुछ लोगों से अनुबंध
न कोई मुलाक़ात
न कोई बात चीत
फिर भी बन जाते हैं
कुछ लोग मन के मीत
न कोई उम्मीद
न कोई आशा
फिर भी जुड़ जाता है
कुछ लोगों से रिश्ता बेतहाशा
न कोई इरादा
न कोई वादा
फिर भी दिल मानता है
कुछ लोगों को हद्द से ज़्यादा
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