Share0 Bookmarks 47370 Reads1 Likes
न किसी से नाराज़गी
न किसी से बैर
जिसकी जैसी मंशा
उससे वैसा मेल
न किसी से घृणा
न किसी से आसक्ति
No posts
No posts
No posts
No posts
न किसी से नाराज़गी
न किसी से बैर
जिसकी जैसी मंशा
उससे वैसा मेल
न किसी से घृणा
न किसी से आसक्ति
No posts
No posts
No posts
No posts
Comments