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एक दिन पूछ बैठी
माचिस मुझसे इठलाए
तू जलन दिलाए औरों को
या सब मुझसे जल जाए
धुआँधार अंदाज़ तेरे या
मेरी ज्वलनशील अदाएं
तर्ज़ तेरे भड़काए या
मुझसे हैं सब गभराएं
तेज़ तेरे नैनन
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एक दिन पूछ बैठी
माचिस मुझसे इठलाए
तू जलन दिलाए औरों को
या सब मुझसे जल जाए
धुआँधार अंदाज़ तेरे या
मेरी ज्वलनशील अदाएं
तर्ज़ तेरे भड़काए या
मुझसे हैं सब गभराएं
तेज़ तेरे नैनन
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