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मन है उदास,
दिल है भरा भरा सा
साँसें है बेचैन,
हर ज़ख्म हरा हरा सा
मुस्कान है ओझल ,
दर्द है बढ़ा बढ़ा सा
परेशानियाँ हैं तमाम ,
सुकून ज़रा ज़रा सा
आँखें है नम ,
लबों पर छाई है चुप्पी
ज़िंदगी खेल रही
ना जाने कैसी लुका छिपी
ज़िंदगी खेल रही
ना जाने कैसी लुका छिपी
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