किसी रोज़'s image
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मिले जो वक्त किसी रोज़ तुम्हें

तो आ जाना तुम पास मेरे

तमाम उलझनों को छोड़कर

सहेज रखें हैं मैंने एहसास कई

दिल में एक अरसे से जोड़कर


उठे जो तलब किसी रोज़ तुमको

तो आ जाना तुम पास मेरे

सारे रिवाज़ों को तोड़कर<

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