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जो ख़ुद को हो नापसंद
उसे दूसरे पर थोपना क्यों
अपने मन मुताबिक
हर किसी को टोकना क्यों
जो आए न समझ
उसे बेवजह सोचना क्यों
सवालों में उलझ कर
ख
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जो ख़ुद को हो नापसंद
उसे दूसरे पर थोपना क्यों
अपने मन मुताबिक
हर किसी को टोकना क्यों
जो आए न समझ
उसे बेवजह सोचना क्यों
सवालों में उलझ कर
ख
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