
Share0 Bookmarks 41 Reads0 Likes
बैठें हैं तैयार सब समझाने को
समझने को कोई तैयार नहीं,,
प्रेम सदा आंतरिक है
ये कोई व्यवहार नहीं
कमियाँ खोजने में माहिर सब
खूबियों पर नज़र नहीं,,
रीति रिवाजों से बंधे रिश्ते
जज़्बातों का कोई असर नहीं
देने को वक्त नहीं
समय औरों को गिनवाते हैं,,,
भावनाओं की कद्र नहीं
ना जाने कैसे ये रिश्ते नाते हैं
ना जाने कैसे ये रिश्ते नाते हैं
✍️✍️
No posts
No posts
No posts
No posts
Comments