इज़ाफा's image
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तोड़ती हैं दम जब हसरतें तमाम

हकीकतों की दहलीज़ पर

वास्तविकता के हाथों

ख्वाबों का तमाशा हर रोज़ होता है

छूटता है पीछे जब तमन्नाओं का शहर

तो अश्कों के बहाव में इज़ाफा होता है


छेड़ती है ज़िंदगी जब गम के तराने

कश्मकश की दहलीज़ पर

चैन ओ सुकून टूट कर चक

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