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फिज़ाओं में फैली मस्ती, मची गज़ब की धूम
नशे में देखो रंगों के कैसे रहे सब झूम
हाथ में थामे ठंडाई, ज़ुबान है सबकी फिसली
भांग गटक कर देखो कैसी कैसी बातें निकली
कोई कर रहा नज़रों से बातें तो कहीं प्रेम का राग
रंगों की धुन पर नचाने ,देखो आया फाग
तन और मन लगा झूमने भीगी चुनरी चोली
पिचकारी से प्रेम बरसाती देखो आई होली
पिचकारी से प्रेम बरसाती देखो आई होली
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