
Share0 Bookmarks 14 Reads0 Likes
दिन बीत गए
रातें गुज़र गईं
बीत गया वक्त
मनमर्जियां थम गईं
ढल गए पल
लम्हें छूट गए
बीत गए साल
हालात रूठ गए
जज़्बात संभल गए
एहसास सिमट गए
जिम्मेदारियों के साए में
न जाने हम किधर गए
न जाने हम किधर गए
✍️✍️
No posts
No posts
No posts
No posts
Comments