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दिन बीत गए
रातें गुज़र गईं
बीत गया वक्त
मनमर्जियां थम गईं
ढल गए पल
लम्हें छूट गए
बीत गए साल
हालात रूठ गए
जज़्बात संभल गए
एहसास सिमट गए
जिम्मेदारियों के साए में
न जाने हम किधर गए
न जाने हम किधर गए
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