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छूट गए वो पल जब
चित्रहार संग होता था
गीतों की धुन से रौशन
हर इतवार होता था
गुज़र गया वो ज़माना
जब किसी के आने का
इंतज़ार होता था
मेहमाननवाज़ी का
हर दिल तलबगार होता था
बीत गया वो वक्त जब
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