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ढोता आया मौन
शब्दों के भारों को
बेबस और बेचारों को
लफ़्ज़ों के वारों को
ढोता आया मौन
जज़्बातों के अंगारों को
भड़कते हुए सवालों को
असंख्य और हज़ारों को
ढोता आया मौन
दिल के अंधियारों को
एहसासों के शरारों को
अल्फाजों के ग़ुबारों को
ढोता आया मौन.....
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