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खुशियाँ चाहिए सबको
तो फिर उदासियाँ जाएं कहाँ
भरी हो जो बेचैनियाँ
दिल में तमाम
तो लबों पर मुस्कुराहटें
आएं कहाँ
सुकून चाहिए सबको
तो फिर परेशानियाँ जाएं कहाँ
भरी हो जो चिंताएं
दिल में तमाम
तो करार फिर आएं कहाँ
पहचान चाहिए सबको
तो फिर गुमनामियाँ जाएं कहाँ
भरी हो जो तन्हाईयाँ
दिल में तमाम
तो रौनकें फिर आएं कहाँ
तो रौनकें फिर आएं कहाँ
✍️✍️
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