Share0 Bookmarks 44817 Reads1 Likes
बंजारा सी ख्वाहिशें
सुकून की चाह में
नित्य भटकी फिरती हैं
चाहतें रख दिल में तमाम
उखड़ी उखड़ी दिखती हैं
मिलती है दस्तक जो
चैन ओ करार की
झट से चहक उठती हैं
हकीकतों को कर कि
No posts
No posts
No posts
No posts
बंजारा सी ख्वाहिशें
सुकून की चाह में
नित्य भटकी फिरती हैं
चाहतें रख दिल में तमाम
उखड़ी उखड़ी दिखती हैं
मिलती है दस्तक जो
चैन ओ करार की
झट से चहक उठती हैं
हकीकतों को कर कि
No posts
No posts
No posts
No posts
Comments