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बंजारा सी ख्वाहिशें

Roopali Trehan SrivastavaRoopali Trehan Srivastava February 25, 2022
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बंजारा सी ख्वाहिशें 

सुकून की चाह में

नित्य भटकी फिरती हैं

चाहतें रख दिल में तमाम

उखड़ी उखड़ी दिखती हैं


मिलती है दस्तक जो

चैन ओ करार की

झट से चहक उठती हैं

हकीकतों को कर कि

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