सपनों का मौसम's image
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आज फिर बदरा छाया है 

सावन का मौसम आ गया 

लगता है मुझको फिर 

तेरे आने का मौसम आ गया

रिम झिम बरखा की बूंदों में 

हम तुम सड़कों पर घूमेंगे खुशिया जो हमसे छिनी हैं   

उनको फिर से ढढ़ेगे होठो पे कहीं हंसी छुपी है 

खुशियों का मौसम आ गया 

लगता है मुझको फिर 

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