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पुरुषार्थ
राकेश मल्होत्रा
समस्या जब जटिल हो,
समय कठिन हो,
तो खुद कठिन बननें का साहस करो,
उठकर फिर चलने का प्रयास करो|
जिंदगी जब बोझिल हो,
रास्ता आंखों से ओझल हो|
तो मन को आशा का संग दो,
भाग्य को कड़ी मेहनत से रंग दो |
योग्यता पर अपनी
तुम और अधिक विश्वास करो,
निराशा के क्षणों मे,
आशा का संचार करो|
सामना चुनौतियों का करना सीखो,
आत्मबल को इच्छाशक्ति से सींचो |
क्षमता और शक्ति का विस्तार करो ,
सफ़लता का नया रास्ता तैयार करो |
जब आशा का दीप जलेगा,
तो विपत्ति का अँधेरा छटेगा|
उज्जवल फिर नया दिन होगा,
सुनेहरा आने वाला कल होगा |
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