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सभ्यता और संस्कृति की नदिया है हिन्दी
देश विदेश मे बहती यह अविरल धारा है
संपर्क और संवाद का सेतु है यह अनुपम
सहजता और सरलता का है अद्भुत संगम
स्वर और व्यंजन है सुन्दर इसके आभूषण
देवनागरी लिपि में वर्णो का सुन्दर मिश्रण
जितनी प्रकार की ध्वनियाँ उतने ही है अक्षर
एकरूपता ऐसी परिलक्षित होती और किधर
पूर्वजों की धरोधर को जो संजो कर रखना है
तो हिन्दी का उपयोग गर्व से हमको करना है
संकल्प आज हमको केवल इतना करना है
आज से हस्ताक्षर अपना हिन्दी में करना है
राकेश की कलम से
@Rakesh Malhotra
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