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इश्क है
जिंदा होने का अहसास
सिमट जाता है कभी कभी
शरीर की गंध
सांसों की अगन
और
तुम्हारी छुअन मे।
प्रेम फिर भी जीता है
तुम्हारी पलकों के बीच
भरे हुए समंदर में।
कॉफी हाउस मे बैठे हुए
टिश्यू पेपर पर लिखे
तुमसे इश्क है.. के हर हिज्जे में
ऋतु मिश्र
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