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मोहब्बत का एक लम्हा मैंने महसूस किया है।
घर देर तक न आने पर उसकी चिंता,
कभी फोन न उठाने पर उसकी घबराहट को महसूस किया है,
हाँ, मोहब्बत का एक लम्हा मैंने महसूस किया है।
तबियत खराब हो जाने पर हर पैतरे अपनाती है,
कभी हाथों से, तो कभी लालमिर्च से नज़र उतारती है,
उसकी प्यार, उसकी फ़िक्र को मैंने महसूस किया है,
हाँ, मोहब्बत का एक लम्हा मैंने महसूस किया है।
मेरी ह
घर देर तक न आने पर उसकी चिंता,
कभी फोन न उठाने पर उसकी घबराहट को महसूस किया है,
हाँ, मोहब्बत का एक लम्हा मैंने महसूस किया है।
तबियत खराब हो जाने पर हर पैतरे अपनाती है,
कभी हाथों से, तो कभी लालमिर्च से नज़र उतारती है,
उसकी प्यार, उसकी फ़िक्र को मैंने महसूस किया है,
हाँ, मोहब्बत का एक लम्हा मैंने महसूस किया है।
मेरी ह
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