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वह लड़का जो कई सालों से खुद की खोज में है,
कभी आज को जीता तो कभी कल की सोच में है,
अपनी बर्बादियों पर हंसता,
लेकिन फिर भी लोग कहते होश में है,
तन्हाइयों को समेटता, यादों को टटोलता,
लेकिन फिर भी मौज में है,
हजारों किरदारों में खुद को तराशता,
लेकिन ना मिला वह किरदार जो उसकी संयोग में है,
तकरीऱ से उसके बोझिल लगता मन,
लेकिन चेहरे पर उसके फिर भी अफरोज़ सा है,
वह लड़का जो इक्कीस साल से खुद की खोज में है।
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